जय श्री राधे कृष्ण …….
“पूंछहीन बानर तह जाइहि, तब सठ निज नाथहि लइ आइहि, जिन्ह कै कीन्हिसि बहुत बडा़ई, देखउं मै तिन्ह कै प्रभुताई ।।
भावार्थ:- जब बिना पूंछ का यह बन्दर वहाँ (अपने स्वामी के पास) जायगा तब यह मूर्ख अपने मालिक को साथ ले आयेगा । जिन की इसने बहुत बडा़ई की है, मैं उन की प्रभुता (सामर्थ्य) तो देखूँ…… ।।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
