जय श्री राधे कृष्ण …….
“जदपि कही कपि अति हित बानी, भगति बिबेक बिरति नय सानी, बोला बिहसि महा अभिमानी, मिला हमहि कपि गुर बड़ ग्यानी ।।
भावार्थ:- यद्यपि हनुमान जी ने भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और नीति से सनी हुई बहुत ही हित की वाणी कही । तो भी वह महान अभिमानी रावण बहुत हँस कर (व्यंग्य से) बोला कि हमें यह बंदर बड़ा ज्ञानी गुरु मिला….!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..