जय श्री राधे कृष्ण …….
“जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे, तेहि पर बांधेउ तनय तुम्हारे, मोहि न कछु बांधे कइ लाजा, कीन्ह चहउँ निज प्रभु कर काजा ।।
भावार्थ:- तब जिन्होंने मुझे मारा, उन को मैंने भी मारा । उस पर तुम्हारे पुत्र ने मुझ को बांध लिया । (किन्तु) मुझे अपने बांधे जाने की कुछ भी लज्जा नहीं है । मैं तो अपने प्रभु का कार्य किया चाहता हूँ ….!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
