जय श्री राधे कृष्ण …….
“जानउँ मैं तुम्हारि प्रभुताई, सहसबाहु सन परी लराई, समर बालि सन करि जसु पावा, सुन कपि बचन बिहसि बिहरावा ।।
भावार्थ:- मैं तुम्हारी प्रभुता को खूब जानता हूँ, सहस्त्रबाहु से तुम्हारी लड़ाई हुईं थी और बालि से युद्ध कर के तुम ने यश प्राप्त किया था । हनुमान जी के (मार्मिक) वचन सुन कर रावण ने हंस कर बात टाल दी……!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
