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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-102

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जय श्री राधे कृष्ण …….

सुनि सुत बध लंकेश रिसाना, पठएसि मेघनाद बलवाना, मारसि जनि सुत बांधेसु ताही, देखिअ कपिहि कहाँ कर आही

भावार्थ:- पुत्र का वध सुन कर रावण क्रोधित हो उठा और उसने (अपने जेष्ठ पुत्र) बलवान मेघनाद को भेजा । (उसने कहा कि) हे पुत्र! मारना नहीं, उसे बांध लाना । उस बंदर को देखा जाय कि कहाँ का है…!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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