जय श्री राधे कृष्ण …….
“कछु मारेसि कछु मर्देसि कछु मिलएसि धरि धूरि, कछु पुनि जाइ पुकारे प्रभु मर्कट बल भूरि!!
भावार्थ:- उन्होंने सेना में से कुछ को मार डाला और कुछ को मसल डाला और कुछ को पकड़ – पकड़ कर धूल में मिला दिया । कुछ ने फिर जाकर पुकार की कि हे प्रभु! बंदर बहुत ही बलवान है……!!
दीन दयाल बिरिदु संभारी ।
हरहु नाथ मम संकट भारी ।।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..