lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-97

124Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

चलेउ नाइ सिरु पैठेउ बागा, फल खाएसि तरुतोरैं लागा, रहे जहाँ बहु भट रखवारे, कछु मारेसि कछु जाइ पुकारे ।।

भावार्थ:- वे सीता जी को सिर नवा कर चले और बाग में घुस गये । फल खाए और वृक्षों को तोड़ने लगे । वहाँ बहुत से योद्धा रखवाले थे । उनमें से कुछ को मार डाला और कुछ ने जाकर रावण से पुकार की….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply