जय श्री राधे कृष्ण …….
“सुनहु मातु मोहि अतिसय भूखा, लागि देखि सुन्दर फल रुखा, सुनु सुत करहिं बिपिन रखवारी, परम सुभट रजनीचर भारी…..!!
भावार्थ:- हे माता ! सुनो, सुंदर फल वाले वृक्षों को देखकर मुझे बड़ी ही भूख लग आई है। (सीता जी ने कहा) हे बेटा ! सुनो, बड़े भारी योद्धा राक्षस इस वन की रखवाली करते हैं……!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
