जय श्री राधे कृष्ण …….
“तब देखी मुद्रिका मनोहर, राम नाम अंकित अति सुंदर, चकित चितव मुदरी पहिचानी, हरष बिसाद हृदयँ अकुलानी…..!!
भावार्थ:- तब उन्होंने राम – नाम से अंकित अत्यंत सुंदर एवं मनोहर अंगूठी देखी । अंगूठी को पहचान कर सीता जी आश्चर्य चकित हो कर उसे देखने लगीं और हर्ष तथा विषाद से हृदय में अकुला उठीं …!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..