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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-61

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जय श्री राधे कृष्ण …….

यह सपना मैं कहऊँ पुकारी, होइहि सत्य गएँ दिन चारी, तासु बचन सुनि ते सब डरीं, जनकसुता के चरनन्हिं परीं…!!

भावार्थ:– मैं पुकार कर (निश्चय के साथ) कहती हूँ कि यह स्वप्न चार (कुछ ही) दिनों बाद सत्य होकर रहेगा । उसके वचन सुन कर वे सब राक्षसियाँ डर गईं और जानकी जी के चरणों पर गिर पड़ीं…!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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