जय श्री राधे कृष्ण …….
“यह सपना मैं कहऊँ पुकारी, होइहि सत्य गएँ दिन चारी, तासु बचन सुनि ते सब डरीं, जनकसुता के चरनन्हिं परीं…!!
भावार्थ:– मैं पुकार कर (निश्चय के साथ) कहती हूँ कि यह स्वप्न चार (कुछ ही) दिनों बाद सत्य होकर रहेगा । उसके वचन सुन कर वे सब राक्षसियाँ डर गईं और जानकी जी के चरणों पर गिर पड़ीं…!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
