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सुविचार-सुन्दरकाण्ड-59

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जय श्री राधे कृष्ण …….

सपनें बानर लंका जारी, जातुधान सेना सब मारी, खर आरूढ नगन दससीसा, मुंडित सिर खंडित भुज बीसा….!!

भावार्थ:– मैंने स्वप्न देखा कि एक बंदर ने लंका जला दी । राक्षसों की सारी सेना मार डाली गई । रावण नंगा है और गदहे पर सवार है । उसके सिर मुंडे हुए हैं और बीसों भुजाएँ कटी हुई हैं…!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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