जय श्री राधे कृष्ण …….
“बहु बिधि खल सीतहि समझावा, साम दान भय भेद देखावा, कह रावनु सुन सुमुखि सयानी, मंदोदरी आदि सब रानी….!!
भावार्थ:- उस दुष्ट ने सीता जी को बहुत प्रकार से समझाया । साम, दान, भय और भेद दिखलाया। रावण ने कहा, हे सुमुखि! हे सयानी! सुनो । मंदोदरी आदि सब रानियों को …!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..