जय श्री राधे कृष्ण …….
निज पद नयन दिए मन राम पद कमल लीन, परम दुखी भा पवनसुत देखि जानकी दीन….!!
भावार्थ:- श्री जानकी जी नेत्रों को अपने चरणों में लगाए हुए हैं (नीचे की ओर देख रही हैं), और मन श्री राम जी के चरण कमलों में लीन है । जानकी जी को दीन (दुखी) देख कर पवन पुत्र हनुमान जी बहुत ही दुखी हुए…..!!
दीन दयाल बिरिदु संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी…!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..