जय श्री राधे कृष्ण …….
पुनि सब कथा बिभीषन कही, जेहि बिधि जनकसुता तहं रही, तब हनुमंत कहा सुनु भ्राता, देखी चहउँ जानकी माता ….!!
भावार्थ:- फिर विभीषण जी ने श्री जानकी जी जिस प्रकार वहां (श्रीलंका में) रहती थीं, वह सब कथा कही । तब हनुमान जी ने कहा, हे भाई! सुनो मैं जानकी माता को देखना चाहता हूँ …..!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..