स्वाभिमान
स्वाभिमान "पता नहीं ये सामने वाला सेठ हफ्ते में 3-4 बार अपनी चप्पल कैसे तोड़ आता है?" मोची बुदबुदाया, नजर सामने की बड़ी किराना दूकान पर बैठे मोटे सेठ पर थी। हर बार जब उस मोची के पास कोई काम...
स्वाभिमान "पता नहीं ये सामने वाला सेठ हफ्ते में 3-4 बार अपनी चप्पल कैसे तोड़ आता है?" मोची बुदबुदाया, नजर सामने की बड़ी किराना दूकान पर बैठे मोटे सेठ पर थी। हर बार जब उस मोची के पास कोई काम...
जय श्री राधे कृष्ण ……. जानेहिं नहीं मरमु सठ मोरा, मोर अहार जहाँ लगि चोरा, मुठिका एक महा कपि हनी, रुधिर बमत धरनीं ढनमनी…..!! भावार्थ:- हे मूर्ख! तूने मेरा भेद नहीं जाना ? जहां तक (जितने) चोर हैं, वह सब...
घर वापसी एक बार एक पुत्र अपने पिता से रूठ कर घर छोड़ कर दूर चला गया और फिर इधर उधर यूँही भटकता रहा। दिन बीते,महीने बीते और साल बीत गए। एक दिन वह बीमार पड़ गया। अपनी झोपडी में...
जय श्री राधे कृष्ण ……. मसक समान रूप कपि धरी, लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी, नाम लंकिनी एक निसिचरी, सो कह चलेसि मोहि निंदरी……!! भावार्थ:- हनुमान जी मच्छर के समान (छोटा सा) रूप धारण कर नर रूप से लीला करने वाले...
भगवान् से क्या माँगे? भगवान् से माँगने के सम्बन्ध में एक कथा आती है कि एक बार भगवान् कृष्ण अर्जुनको साथ लेकर घूमने निकले। जाते-जाते घने जंगल में जा पहुँचे। कुछ और आगे बढ़े तो वहाँ पर सुनसान मैदान आ...
जय श्री राधे कृष्ण ……. पुर रखवारे देखि बहु कपि मन कीन्ह बिचार, अति लघु रूप धरौं निसि नगर करौं पइसार….!! भावार्थ:- नगर के बहुसंख्यक रख वालों को देखकर हनुमान जी ने मन में विचार किया कि अत्यंत छोटा रूप,...
एक बंधन ऐसा भी अनुज नाम था उसका....मेरे आफिस में थर्ड ग्रेड वर्कर था....मेरा तबादला अभी यहाँ हुआ था आफिसर की पोस्ट पर मैने तीन चार दिन पहले ही जाईन करा था....!!! अनुज बहुत मेहनती व समझदार था मुझे तो...
जय श्री राधे कृष्ण ……. " मुट्ठी दुआओं की माता-पिता ने चुपके से सिर पर छोड़ दी….खुश रहो… कहकर और हम, नासमझ, जिंदगी भर मुक़द्दर का अहसान मानते रहे…..!! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो.....
जय श्री राधे कृष्ण ……. करि जतन भट कोटिन्ह बिकट तन नगर चहुँ दिसि रच्छहीं, कहुँ महिष मानुष धेनु खर अज खल निसाचर भच्छहीं, एहि लागि तुलसीदास इन्ह की कथा कछु एक है कही, रघुबीर सर तीरथ सरीरन्हि त्यागि गति...
संत की शरण एक गांव में एक ठाकुर थे। उनके यहां एक नौकर काम करता था.. जिसके कुटुंब में बीमारी की वजह से कोई आदमी नहीं बचा। केवल नौकर का लड़का रह गया। वह ठाकुर के घर काम करने लग...