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चरण स्पर्श

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चरण स्पर्श

चरण स्पर्श करने का वैज्ञानिक रहस्य जान जाओगे तो प्रतिदिन अपने बच्चों को यह सीख दोंगे। अपने से बड़ों का अभिवादन करने के लिए चरण छूने की परंपरा सदियों से रही है। भारतीय संस्कृति में अपने से बड़े के आदर के लिए चरण स्पर्श उत्तम माना गया है प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर चरण स्पर्श के कई लाभ हैं।  चरण छूने का मतलब है पूरी श्रद्धा के साथ किसी के आगे नतमस्तक होना-इससे विनम्रता आती है और मन को शांति मिलती है साथ ही चरण छूने वाला दूसरों को भी अपने आचरण से प्रभावित करने में सफल होता है-प्रतिदिन बड़ों के अभि‍वादन से आयु, विद्या, यश और बल में बढ़ोतरी होती है।  माना जाता है कि पैर के अंगूठे से भी शक्ति का संचार होता है मनुष्य के पांव के अंगूठे में भी ऊर्जा प्रसारित करने की शक्ति होती है। प्रणाम करने का एक लाभ यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है। इन्हीं कारणों से बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया है। जब हम किसी आदरणीय व्यक्ति के चरण छूते हैं, तो आशीर्वाद के तौर पर उनका हाथ हमारे सिर के उपरी भाग को और हमारा हाथ उनके चरण को स्पर्श करता है ऐसी मान्यता है कि इससे उस पूजनीय व्यक्ति की पॉजिटिव एनर्जी आशीर्वाद के रूप में हमारे शरीर में प्रवेश करती है इससे हमारा आध्यात्मिक तथा मानसिक विकास होता है।

वैज्ञानिक पक्ष : -न्यूटन के नियम के अनुसार, विश्व में सभी चीजें गुरुत्वाकर्षण के नियम से बंधी हैं साथ ही गुरुत्व भार सदैव आकर्षित करने वाले की तरफ जाता है हमारे शरीर पर भी यही नियम लागू होता है सिर को उत्तरी ध्रुव और पैरों को दक्षिणी ध्रुव माना गया है इसका मतलब यह हुआ कि गुरुत्व ऊर्जा या चुंबकीय ऊर्जा हमेशा उत्तरी ध्रुव से प्रवेश कर दक्षिणी ध्रुव की ओर प्रवाहित होकर अपना चक्र पूरा करती है। यानी शरीर में उत्तरी ध्रुव (सिर) से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर दक्षिणी ध्रुव (पैरों) की ओर प्रवाहित होती है दक्षिणी ध्रुव पर यह ऊर्जा असीमित मात्रा में स्थिर हो जाती है। पैरों की ओर ऊर्जा का केंद्र बन जाता है-पैरों से हाथों द्वारा इस ऊर्जा के ग्रहण करने को ही हम ‘चरण स्पर्श’ कहते हैं

मानव शरीर पंच तत्वों से निर्मित है जो सजातीय तत्वों को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है- मित्रता, स्नेह , ममता व प्रेम इसी आकर्षण की उपज है। यह आकर्षण या खिंचाव एक चुम्बकीय गुण है। प्रत्येक जीवधारी में एक ही समय में तीन वैज्ञानिक सिध्दांत एक साथ कार्य करते रहते हैं।

  • चुम्बकीय शक्ति
  • तात्विक गुण
  • वुद्युतीय उर्जा

हम अगर चिन्तन मनन करे तो पाते है की प्रतिदिन हम अनेक लोगों से मिलते है , उनमें से कुछ को हम याद नहीं रखते और कुछ के साथ हमारा मित्रता का भाव प्रकट हो जाता है और उनसे ये लगाव,मित्रता या खिंचाव उस व्यक्ति विशेष में समाहित चुम्बकीय गुण के कारण होता है जो सजातीय गुण वाले व्यक्ति को अपनी और आकर्षित करता है। आपके शरीर की उर्जा चरण स्पर्श करने वाले व्यक्ति में पहुंचती है। श्रेष्ठ व्यक्ति में पहुंचकर उर्जा में मौजूद नकारात्मक तत्व नष्ट हो जाता है। सकारात्मक उर्जा चरण स्पर्श करने वाले व्यक्ति से आशीर्वाद के माध्यम से वापस मिल जाती है। इससे जिन उद्देश्यों को मन में रखकर आप बड़ों को प्रणाम करते हैं उस लक्ष्य को पाने का बल मिलता है।

पैर छुना या प्रणाम करना, केवल एक परंपरा या बंधन नहीं है। यह एक विज्ञान है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से जुड़ा है। पैर छुने से केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता बल्कि अनजाने ही कई बातें हमारे अंदर उतर जाती है। पैर छुने का सबसे बड़ा फायदा शारीरिक कसरत होती है, तीन तरह से पैर छुए जाते हैं। पहले झुककर पैर छुना, दूसरा घुटने के बल बैठकर तथा तीसरा साष्टांग प्रणाम झुककर पैर छुने से कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है। दूसरी विधि में हमारे सारे जोड़ों को मोड़ा जाता है, जिससे उनमें होने वाले स्ट्रेस से राहत मिलती है, तीसरी विधि में सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए तन जाते हैं, इससे भी स्ट्रेस दूर होता है। इसके अलावा झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो स्वास्थ्य और आंखों के लिए लाभप्रद होता है। प्रणाम करने का तीसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है। किसी के पैर छुना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना, जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है। इसलिए बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया।

प्रत्येक दिन प्रातकाल में और किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले हमें अपने घर के बड़े बुजर्गों के ,माता पिता के चरण स्पर्श अवश्य करने चाहिए ,इससे हमारे कार्य में सफलता की सम्भावना बढ़ जाती है , हमारा मनोबल बढ़ता है और सकारात्मक उर्जा मिलती है नकारात्मक शक्ति घटती है।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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