जय श्री राधे कृष्ण …….
लंका निसिचर निकर निवासा, इहां कहां सज्जन कर बासा, मन महुँ तरक करै कपि लागा, तेहीं समय बिभीषनु जागा……!!!
भावार्थ:- लंका तो राक्षसों के समूह का निवास स्थान है । यहां सज्जन (साधु पुरुष) का निवास कहां। हनुमान जी मन में इस प्रकार तर्क करने लगे। उसी समय विभीषण जी जागे …!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..