lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-32

130Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

रामायुध अंकित गृह सोभा बरनि न जाइ, नव तुलसिका बृंद तहं देखि हरष कपिराइ……!!

भावार्थ:- वह महल श्री राम जी के आयुध (धनुष बाण) के चिन्हों से अंकित था। उसकी शोभा वर्णन नहीं की जा सकती। वहाँ नवीन नवीन तुलसी के वृक्ष समूहों को देख कर कपिराज श्री हनुमान जी हर्षित हुए….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply