जय श्री राधे कृष्ण …….
सयन किए देखा कपि तेही, मंदिर महु न दीखि बैदेही, भवन एक पुनि दीख सुहावा, हरि मंदिर तहं भिन्न बनावा……!!
भावार्थ:- हनुमान जी ने उस (रावण) को शयन किए देखा, परंतु महल में जानकी जी नहीं दिखाई दीं। फिर एक सुंदर महल दिखाई दिया। वहां (उसमें) भगवान का एक अलग मंदिर बना हुआ था….!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..