lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-26

162Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

बिकल होसि तैं कपि कें मारे, तब जानेसु निसिचर संघारे, तात मोर अति पुन्य बहूता, देखेउं नयन राम कर दूता……!!

भावार्थ:– जब तू बंदर के मारने से व्याकुल हो जाय, तब तू राक्षसों का संहार हुआ जान लेना । हे तात ! मेरे बड़े पुण्य हैं, जो मैं श्री रामचंद्र जी के दूत (आप) को नेत्रों से देख पायी……!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply