lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-21

126Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

” मुट्ठी दुआओं की माता-पिता ने चुपके से सिर पर छोड़ दी….खुश रहो… कहकर और हम, नासमझ, जिंदगी भर मुक़द्दर का अहसान मानते रहे…..!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply