जय श्री राधे कृष्ण …….
” मुट्ठी दुआओं की माता-पिता ने चुपके से सिर पर छोड़ दी….खुश रहो… कहकर और हम, नासमझ, जिंदगी भर मुक़द्दर का अहसान मानते रहे…..!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

जय श्री राधे कृष्ण …….
” मुट्ठी दुआओं की माता-पिता ने चुपके से सिर पर छोड़ दी….खुश रहो… कहकर और हम, नासमझ, जिंदगी भर मुक़द्दर का अहसान मानते रहे…..!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..