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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-5

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जय श्री राधे कृष्ण ……..

हनूमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम , राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम…!!

भावार्थ:- हनुमान जी ने उसे हाथ से छू दिया, फिर प्रणाम करके कहा – भाई! श्री रामचंद्र जी का काम किए बिना मुझे विश्राम कहां ? …… !!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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