ईर्ष्या
ईर्ष्या बहुत पहले की बात है, एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। उसके पास एक बहुत छोटा सा खेत था जिसमें कुछ सब्जियां उगा कर वह अपना व अपने परिवार का पेट पालता था। गरीबी के कारण उसके...
ईर्ष्या बहुत पहले की बात है, एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। उसके पास एक बहुत छोटा सा खेत था जिसमें कुछ सब्जियां उगा कर वह अपना व अपने परिवार का पेट पालता था। गरीबी के कारण उसके...
https://youtu.be/wCuUzUjnpyo?si=b_crSDulmYvFYjwo...
जय श्री राधे कृष्ण ……. जोजन भरि तेहिं बदनु पसारा,/कपि तनु कीन्ह दुगुन बिस्तारा, सोरह जोजन मुख तेहिं ठयऊ, तुरत पवनसुत बत्तिस भयऊ….!! भावार्थ:- उसने योजन भर (चार कोस में) मुंह फैलाया । तब हनुमान जी ने अपने शरीर को...
कर्मो का लेखा - जोखा बेटा बन कर,बेटी बनकर,दामाद बनकर,और बहु बनकर कौन आता है ? जिसका तुम्हारे साथ कर्मों का लेना देना होता है। लेना देना नहीं होगा तो नहीं आयेगा। एक फौजी था। उसके मां बाप नहीं थे।...
https://youtu.be/8Zk69uXtKLQ?si=nu6z-kZFKOfMJH5G...
जय श्री राधे कृष्ण ……. तब तव बदन पैठिहउं आई, सत्य कहउँ मोहि जान दे माई, कवनेहुं जतन देइ नहिं जाना, ग्रससि न मोहि कहेउ हनुमाना…!! भावार्थ:- तब मैं आकर तुम्हारे मुंह में घुस जाऊंगा (तुम मुझे खा लेना) हे...
क्या हम कभी भगवान को धन्यवाद देने मंदिर गये है.. . एक अमीर आदमी था, उसने अपने गांव के सब गरीब लोगों के लिए और भिखारिओं के लिए माह-वारी (प्रतिमाह) दान बांध दिया था। किसी को दस रुपये मिलते महीने...
जय श्री राधे कृष्ण ……. आजु सुरन्ह मोहि दीन अहारा, सुनत बचन कह पवनकुमारा, राम काजु करि फिरि मैं आवौं, सीता कइ सुधि प्रभुहि सुनावौं….. !! भावार्थ:- आज देवताओं ने मुझे भोजन दिया है। यह वचन सुनकर पवन कुमार हनुमान...
घर की मुखिया घर के बाहर टैक्सी आकर रुकी थी। अनुराधा ने बाहर झांककर देखा तो मालती जी टैक्सी के बाहर निकल कर इंतजार कर रही थी कि घर में से कोई तो उन्हें लेने आए। लेकिन घर में बेटा...
जय श्री राधे कृष्ण ……. जात पवनसुत देवन्ह देखा, जानैं कहुँ बल बुद्धि बिसेषा, सुरसा नाम अहिन्ह कै माता, पठइन्हि आइ कही तेहिं बाता…..!! भावार्थ:- देवताओं ने पवन पुत्र हनुमान जी को जाते हुए देखा। उनकी विशेष बल - बुद्धि...