सात सौ साल के इस्लामिक राज और दो सौ साल के ईसाई शासन के बाद भी आज हम अपने त्योहार मना पाते हैं। अपने देवी देवताओं की पूजा कर पाते हैं और अपने देश मे गर्व से रह पाते हैं, ये सब इसीलिए सम्भव हो पाया क्योंकि आपने तलवार के डर अथवा पैसों के मोह में अपना धर्म नहीं बदला।
हमारे पूर्वज हमारे अस्तित्व की नींव होते हैं। हजार जन्म लेकर भी हम उनके ऋण से मुक्त नहीं हो सकते। उनके प्रति कृतज्ञ होने का, उनका सम्मान करने का एक भी अवसर हमें नहीं गंवाना चाहिए। हम सदैव आपके ऋणी रहेंगे, ये पितृपक्ष आपके अदम्य शौर्य और आपके निःस्वार्थ भक्ति को समर्पित।
पितरों के उद्देश्य से विधिपूर्वक जो कर्म श्रद्धा से किया जाता उसे श्राद्ध कहते हैं। शास्त्रों में मनुष्य के लिए देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण उतारना आवश्यक है अतः पितृऋण से मुक्ति हेतु श्राद्ध करके हम मुक्ति को प्राप्त हो सकते है। पितृपक्ष में एैसी मान्यता है कि हमारे पूर्वज गोलोक से पृथ्वी लोक पर विचरण हेतु आकर हमारे आचरण का अवलोकन करते हैं। अपनी उत्कृष्ट जीवन पद्धति से ही हम अपने पूर्वजों को गौरवान्वित कर शांति पहुँचा सकते है.!!
आपके गौरवशाली वंशज
#श्राद्ध पक्ष
जय श्री राम