रिटायरमेंट के 11 साल बाद अंपायर बकनर ने क्यों मांगी सचिन से माफी ? बजह जानकर हैरानी होगी…
स्टीव बकनर की कातिल उंगली अपील होने से काफी देर बाद खड़ी होती थी तब तक बल्लेबाज की सांसें अटकी रहती थी।बकनर अंतराष्ट्रीय स्तर के अंपायर रहे हैं और उनकी प्रतिष्ठा भी खिलाड़ियों से कम नहीं थी। गलतियां हर एक से होती हैं ओर उन्हें गलती करने वाला सुधार भी लेता है पर जो गलती दोहरायी जाएं वो अक्सर जानबूझकर की जाती हैं ओर उसे बईमानी ही कहा जाता है।स्टीव बकनर के कई विवादास्पद फैसले टीम इंडिया के खिलाफ गए हैं उनमें दो तो सचिन तेंदुलकर के खिलाफ गए।ऑस्ट्रेलिया में जेसन गेलीसपी की एक अंदर आती हुई गेंद को सचिन ने छोड़ा और गेंद उनके पैड के ऊपरी हिस्से से टकराई ओर बकनर की उंगली उठ गई।रीप्ले में साफ दिखा कि गेंद विकेट से कोई आधा फुट ऊपर से निकलती अगर पैड से न टकराती।
एक दूसरे फैसले में बकनर ने कलकत्ता के ईडन गार्डन में पाकिस्तान के खिलाफ एक लाख दर्शकों की मौजूदगी में सचिन को विकेट के पीछे लपके जाने पर कोट बिहाइंड करार दिया जबकि गेंद उनके बल्ले से छुई तक नहीं थी।एक बार तो हद हो गई जब एक रन आउट की अपील को बकनर ने थर्ड अंपायर को रेफेर करने से इंकार कर दिया जबकि यह काम मैदानी अंपायर का होता ही नहीं।इन विवादास्पद फैसलों के बाद बकनर पर सवाल उठने लगे।उन्हें रिटायरमेंट ले लेने की नसीहतें शुरू हो गई।जब उंगली उठाने वाले के खिलाफ ही उंगलियां उठने लगी तो फिर उन्होंने रिटायरमेंट ले भी ली।
अब अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट के 11 साल बाद बकनर ने माना कि उनसे गलती हुई है। उनका कहना था कि ईडन गार्डन में भारी शोर की बजह से उन्हें पता नहीं लगा कि गेंद सचिन के बल्ले से टकराई थी कि नहीं।अगर ऐसा था बकनर साहब ! तो सचिन को नॉट आउट देना चाहिए था क्योंकि बेनिफिट ऑफ डाउट बल्लेबाज के पक्ष में जाता है।आपने तो इस बुनियादी बेसिक तथ्य को ही भुला दिया।इतना होने के बाबजूद बकनर साहब को रात को नींद कैसे आती होगी।आपने अंपायरिंग कम बईमानी ज्यादा की इसलिए आप बईमान अंपायर के तौर पर याद रखे जाएंगे।
जय श्री राम
