जय श्री राधे कृष्ण ……..
” हम किताबों की तरह हैं, ज्यादातर लोग केवल कवर देखते हैं, कुछ केवल परिचय पढ़ते हैं, बहुत से लोग आलोचकों पर विश्वास करते हैं। कुछ ही हमारी अन्तर्निहित को जान पाएंगे…..।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

जय श्री राधे कृष्ण ……..
” हम किताबों की तरह हैं, ज्यादातर लोग केवल कवर देखते हैं, कुछ केवल परिचय पढ़ते हैं, बहुत से लोग आलोचकों पर विश्वास करते हैं। कुछ ही हमारी अन्तर्निहित को जान पाएंगे…..।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..