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विश्वास

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दोस्तो एक हवाई जहाज उड़ान भरने वाला था सभी यात्री अपनी अपनी सीट पर बैठे थे ! सामने की सीट पर एक 5 साल की बच्ची बैठी थी…! फिर हवाई जहाज ने धीरे-धीरे हवाई पट्टी पर दौड़ना शुरू किया और कुछ ही देर में आसमान से बातें करने लगा! हवाई जहाज जैसे ही ऊपर उड़ा सभी यात्री आनंद विभोर हो गए!

अचानक हवाई जहाज में तेज हलचल हुई कुछ…

हवाई जहाज हवा में बहुत जोर जोर से डगमगाने लगा! जहाज में बैठे सभी यात्री अपना अंतिम समय जान भगवान को याद करने लगे ! कुछ यात्री रोने और चिल्लाने लगे! उन्हें लगा बचना मुश्किल है…एक युवक भी सहम गया और चिल्लाने लगा लेकिन उसने देखा कि बगल में बैठी एक नन्ही सी बच्ची एकदम शांत और बिल्कुल गंभीर बैठी है! बच्ची के चेहरे पर जरा सा भी डर नहीं है.. थोड़ी देर बाद जब हवाई जहाज हवा में डगमगाने के बाद अपनी सामान्य रफ्तार में आ गया सब ने राहत की सांस ली!

पर वह युवक अचंभित था कि इतना सब होने के बावजूद यह बच्ची डरी नहीं उसे लगा कि शायद बच्ची को खतरे का अंदेशा नहीं था!

उसने बच्ची से पूछा – बेटा आपको पता है अभी क्या हो रहा था..?

बच्ची ने कहा – हाँ मुझे अच्छी तरह पता है हवाई जहाज में खतरा था और वो शायद दुर्घटनाग्रस्त होने वाला था! 

युवक को फिर और आश्चर्य हुआ.. 🤔

उसने पूछा – आपको डर नहीं लगा…?

बच्ची ने बड़ी मासूमियत से कहा – अंकल हवाई जहाज के पायलट मेरे पापा हैं और उन्हें पता है कि मैं भी हवाई जहाज में ही हूं! वो किसी भी सूरत में मेरा नुकसान नहीं होने देंगे!इसलिए मैं बिल्कुल निश्चिंत थी क्योंकि मुझे अपने पापा पर पूरा विश्वास है! युवक अब बस एकटक उस नन्ही बच्ची को देखे जा रहा था उसके मन मे एक ही विचार था! छोटी सी बच्ची कितनी बड़ी बात कह गयी!

शिक्षा; -दोस्तो यह विश्वास हम लोगो क्यूँ कम होता जा रहा है, जबकि हमें अच्छी तरह पता है इस संसार को चलाने वाली ईश्वर हैं वो ही हमारे जीवन के पायलट है वो कभी हमारा बुरा नहीं होने देंगे!

जय श्रीराम

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Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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