रिश्ते-नाते
पूर्व जन्मों के कर्मों से ही हमें वर्तमान जन्म में माता-पिता, भाई-बहन,पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका,मित्र-शत्रु,सगे-संबंधी इत्यादि संसार के जितने भी रिश्ते- नाते हैं,सब मिलते हैं...क्योंकि इन सबको,हमें या तो कुछ देना होता है या कुछ लेना होता है...हम सभी अपने संचित ऋण...