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छोटी छोटी ख़ुशी का आनन्द ले

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एक दिन एक प्रोफ़ेसर अपनी क्लास में आते ही बोला, “चलिए, surprise test के लिए तैयार हो जाइये। सभी स्टूडेंट्स घबरा गए…कुछ किताबों के पन्ने पलटने लगे तो कुछ सर के दिए नोट्स जल्दी-जल्दी पढने लगे।

पेपर बाँट दिए गए। “ठीक है! अब आप पेपर देख सकते हैं!”, प्रोफेसर ने निर्देश दिया। अगले ही क्षण सभी question paper को निहार रहे थे, पर ये क्या इसमें तो कोई प्रश्न ही नहीं था! था तो सिर्फ वाइट पेपर पर एक ब्लैक स्पॉट!

ये क्या सर, इसमें तो कोई question ही नहीं है?, एक छात्र खड़ा होकर बोला। प्रोफ़ेसर बोले, “जो कुछ भी है आपके सामने है, आपको बस इसी को एक्सप्लेन करना है… और इस काम के लिए आपके पास सिर्फ 10 मिनट हैं…चलिए शुरू हो जाइए…”

स्टूडेंट्स के पास कोई चारा नहीं था…वे अपने-अपने answers लिखने लगे। समय ख़त्म हुआ, प्रोफेसर ने answer sheets collect कीं और बारी-बारी से उन्हें पढने लगे।

लगभग सभी ने ब्लैक स्पॉट को अपनी-अपनी तरह से समझाने की कोशिश की थी लेकिन किसी ने भी उस स्पॉट के चारों ओर मौजूद white space के बारे में बात नहीं की थी।

प्रोफ़ेसर गंभीर होते हुए बोले, “इस टेस्ट का आपके academics से कोई लेना-देना नहीं है और न ही मैं इसके कोई मार्क्स देने वाला हूँ…. इस टेस्ट के पीछे मेरा एक ही मकसद है….

मैं आपको जीवन का सच बताना चाहता हूँ…देखिये…

इस पूरे पेपर का 99% हिस्सा सफ़ेद है, लेकिन आप में से किसी ने भी इसके बारे में नहीं लिखा और अपना 100% answer सिर्फ उस एक चीज को explain करने में लगा दिया जो मात्र 1% है और यही बात हमारे life में भी देखने को मिलती है ।

समस्याएँ, हमारे जीवन का एक छोटा सा हिस्सा होती हैं, लेकिन हम अपना पूरा ध्यान इन्ही पर लगा देते हैं…

कोई दिन रात अपने looks को लेकर परेशान रहता है तो कोई अपने करियर को लेकर चिंता में डूबा रहता है तो कोई और बस पैसों का रोना रोता रहता है।

हम क्यों नहीं अपनी blessings को count करके खुश होते हैं… क्यों नहीं हम पेट भर खाने के लिए भगवान को थैंक्स कहते हैं ?

हम क्यों नहीं अपनी प्यारी सी फॅमिली के लिए शुक्रगुजार होते हैं….

क्यों नहीं हम लाइफ की उन 99% चीजों की तरफ ध्यान देते हैं, जो सचमुच हमारे जीवन को अच्छा बनाती हैं।

शिक्षा-आज से हम life की problems को ज़रुरत से ज्यादा seriously लेना छोडें और जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को enjoy करना सीखें यही जीवन का सच है….तभी हम ज़िन्दगी को सही मायने में जी पायेंगे….।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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