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वृज की एक शाम

#वृज की एक शाम #दीप दान #यशोदा माँ #बचा #बचा #बचायेगा. #ठेको #जो मेरी ओर आएंगे उनको बचाऊंगा #शरणागत #भगवान के सम्पर्क #दु:खों के सागर #कन्हैया के आशीर्वाद #गोवर्धन (अन्नकूट)

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एक बार यशोदा माँ यमुना मे दीप दान कर रही थी, वो पत्ते मे दीप रखकर प्रवाह कर रही थी । उन्होंने देखा कि कोई दीप आगे नही जा रहा…ध्यान से देखा तो कान्हा जी एक लकडी लेकर जल से सारे दीप बाहर निकाल रहे थे, तो माँ कहती है “लल्ला तू ये का कर रहो है…?” कान्हा कहते है.. “मैया, ये सब डूब रहे थे तो मै इन्हे बचा रहा हूँ….”माँ ये सब सुनकर हँसने लगी और बोली
“लल्ला, तू केको केको बचायेगा..”
ये सुनकर कान्हा जी ने बहुत सुन्दर जवाब दिया…
“माँ मैने सबको ठेको थोडी न ले रखो है।जो मेरी ओर आएंगे उनको बचाऊंगा…”

शिक्षा:-इसलिये हमेशा भगवान के सम्पर्क मे रहें, हां, जो भाग्यशाली जीव भगवान के सम्मुख अर्थात शरणागत हो जाता है, उसे ही भगवान दु:खों के सागर से पार लगा देते है।

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। कन्हैया के आशीर्वाद से घर-घर में सुख, शांति, समृद्धि, मंगल,आनंद की सरिता प्रवाहमान हो। दु:ख और अहंकार मिटें। सौहार्द बढ़े, कल्याण हो। भगवान श्रीकृष्ण आप व आपके परिवार पर कृपा व आशीर्वाद बनाए रखें।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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