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देशप्रेम

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एक समय की बात है , देश की सीमा के किनारे बसे एक गांव पर कुछ आतंकवादियों ने कब्जा कर लिया और वहां लूट – पाट मचा दी। सैनिकों को सूचना मिली तो वह तुरंत ही उनसे निपटने कर लिए चल पड़े।

बरसात का मौसम था घनघोर वर्षा हो रही थी , इसके कारण छोटे-छोटे ताल-तलैया भी खूब विशालकाय नजर आ रहे थे। छोटी सी नदी भी उफान मारती हुई बह रही थी जिसके कारण नदी पर बने पुल टूट गए थे। सैनिकों को वह नदी पार करनी थी मगर पार कैसे करते ? सैनिकों ने सोचा कई प्रकार की युक्तियां लगाई किंतु वह पार पाने में असमर्थ रहे।

सैनिकों ने  देखा कि पास में एक झोपड़ी है उस से सहायता मांगी जाए , सैनिक उस  झोपड़ी में गए। उस  झोपड़ी में एक महिला की थी जो दिनभर कार्य करती थी और अपनी झोपड़ी में रहती थी।

उस महिला के  पास अन्य कोई साधन या घर नहीं था।

सैनिकों ने जब बात बताई कि आतंकवादी गांव पर कब्जा कर चुके हैं और हमें फौरन वहां पहुंचना है , इसके लिए यह नदी पार करने के लिए  कुछ लकड़ियों की हमें आवश्यकता होगी जिसके कारण हम नदी को पार कर पाएंगे।

महिला ने पहले कुछ सोचा फिर कहा कि मेरी झोपड़ी मैं दोबारा बना लूंगी आपको जितने भी लकड़ी मेरी झोपड़ी से चाहिए निकाल लीजिये। महिला की इस भक्ति से सैनिक गदगद हो गए और यथा शीघ्र ही नदी पर एक पुल का निर्माण किया गया , जिससे सभी सैनिक नदी के पार उतर गए।  महिला के इस देश भक्ति की सराहना जितनी करें उतनी ही कम है।

सैनिक जल्दी ही उस गांव पर पहुंच गए जहां आतंकवादियों ने कब्जा किया हुआ था। सैनिकों ने काफी देर की मशक्कत के बाद आतंकवादियों को मार गिराया और कुछ भाग गए जिससे अपने देश में आए हुए संकट को उन्होंने बहादुरी से टाल दिया और दुश्मनों को सबक सिखाया।

शिक्षा –देश प्रेम और देश भक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं है, देश है तो हम है , ऐसा मानकर देश की सेवा करनी चाहिए, अगर व्यक्ति को देश भक्ति का मौका मिले तो उसे जरूर अपना देश प्रेम दिखाना चाहिए , यही सर्वथा उचित है और धर्म भी यही है |

जय श्रीराम

Armed forces set of high quality detailed silhouettes of military army soldier
Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
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